अब सोनिया गांधी तय करेंगी नेता प्रतिपक्ष का नाम, एक लाइन का प्रस्ताव हाईकमान को भेजा
अब सोनिया गांधी तय करेंगी नेता प्रतिपक्ष का नाम, एक लाइन का प्रस्ताव हाईकमान को भेजा
देहरादून। प्रदेश में नए नेता प्रतिपक्ष के चयन को लेकर कांग्रेस में आम सहमति नहीं बन पाई है। इस मामले में फैसला अब पार्टी हाईकमान को करना है। सोमवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को नेता प्रतिपक्ष के चयन को अधिकृत किया गया। उम्मीद की जा रही है कि मंगलवार को विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले नेता प्रतिपक्ष की घोषणा की जाएगी। इस पद पर प्रीतम सिंह की दावेदारी सबसे मजबूत समझी जा रही है।
प्रदेश को नया नेता प्रतिपक्ष मिलने का रास्ता तकरीबन साफ हो गया है। हालांकि, इस पद पर कांग्रेस विधायकों के बीच आम सहमति नहीं बन पाई है। लगभग पांच विधायक इस पद की दौड़ में बताए जा रहे हैं। पिछली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष एवं चकराता से लगातार छठी बार जीत दर्ज करने वाले प्रीतम सिंह इस पद के स्वाभाविक दावेदार हैं।
पिथौरागढ़ के धारचूला से विधायक हरीश धामी, पूर्व मंत्री व चमोली जिले की बदरीनाथ सीट से विधायक राजेंद्र भंडारी और ऊधमसिंह नगर जिले की बाजपुर सीट से विधायक एवं पूर्व मंत्री यशपाल आर्य को भी इस दौड़ में माना जा रहा है। यशपाल आर्य की दावेदारी के पक्ष में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के समर्थक विधायक भी बताए जा रहे हैं।
हरिद्वार जिले की भगवानपुर सीट से विधायक ममता राकेश भी नेता प्रतिपक्ष पद की दावेदार हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष पद पर महिला को अवसर दिया है। ऐसे में कांग्रेस को अनुसूचित जाति की महिला विधायक को मौका देना चाहिए। विधानसभा में कांग्रेस सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है। पार्टी के 19 विधायक हैं, जबकि अन्य विपक्षी दल बसपा के दो विधायक हैं। इसके अतिरिक्त दो निर्दलीय विधायक भी हैं। सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी होने के कारण कांग्रेस विधायक दल का नेता ही नेता प्रतिपक्ष होगा।
इस सिलसिले में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में सोमवार शाम प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव की अध्यक्षता में पार्टी विधायकों की बैठक हुई। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने कहा कि पार्टी विधायकों ने सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कर नेता प्रतिपक्ष पद पर चयन को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अधिकृत किया है। बैठक में जो विधायक मौजूद नहीं थे, उनसे दूरभाष पर चर्चा कर सहमति ली गई है।
उन्होंने बताया कि बीती 21 व 22 मार्च को कांग्रेस के पर्यवेक्षक व राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय के साथ हुई समीक्षा बैठक में नेता प्रतिपक्ष व प्रदेश के अध्यक्ष के रिक्त पदों को भरने के संबंध में नवनिर्वाचित विधायकों, पार्टी प्रत्याशियों एवं वरिष्ठ नेताओं से भी सुझाव लिया था। समीक्षा बैठक में प्रदेश में पार्टी की हार के कारणों पर मंथन किया गया था। उन्होंने कहा कि समीक्षा बैठक व नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के रिक्त पदों को भरने के संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि वह तुरंत दिल्ली रवाना हो रहे हैं। दिल्ली पहुंचकर पार्टी नेतृत्व के साथ फिर इस विषय पर चर्चा की जाएगी। प्रदेश प्रभारी ने विधानसभा सत्र से पहले नेता प्रतिपक्ष का चयन होने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के चयन के संबंध में भी जल्द निर्णय लिया जाएगा। नानकमत्ता से विधायक गोपाल राणा और खटीमा से विधायक भुवन कापड़ी बैठक खत्म होने के बाद पहुंचे।
बैठक में ये विधायक रहे मौजूद
प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य, राजेंद्र भंडारी, विक्रम सिंह नेगी, ममता राकेश, फुरकान अहमद, वीरेंद्र जत्ती, रवि बहादुर, अनुपमा रावत, मयूख महर, हरीश धामी, मनोज तिवारी, मदन सिंह बिष्ट, खुशहाल सिंह अधिकारी, सुमित हृदयेश, आदेश चौहान, तिलकराज बेहड़।